डॉक्टरी एक चुनौती पूर्ण वचन बद्धता डॉक्टर चतुर्वेदी* चिकित्सा सबसे ज्यादा दुआएं लेने का कार्य शर्मा।
मुकेश गौड़ आशीष गौड
मोगरा ब्रेकिंग न्यूज़
शिवपुरी। आज डॉक्टर्स डे पर 1 जुलाई मंगलवार को अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन की जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारीयों ने चिकित्सकों के क्लीनिक व निवास पर जाकर शहर के वरिष्ठ डॉक्टरों में डॉक्टर एस के पुराणिक नेत्र रोग विशेषज्ञ , डॉक्टर गिरीश चतुर्वेदी नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पी के खरै पूर्व सिविल सर्जन, डॉक्टर चंद्रशेखर गुप्ता एम डी मेडिसिन जिला अस्पताल शिवपुरी,डॉक्टर पी डी शर्मा पूर्व जिला आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुखदेव गौतम डॉक्टर जी पी बिरथरे का श्रीफल स्मृति चिन्ह प्रशस्ति पत्र एवं भगवान परशुराम की पटिका देकर,पुष्पमालायें पहनाकर सम्मान किया।
डॉक्टर गिरीश चतुर्वेदी ने कहा कि डॉक्टर होना एक चुनौती पूर्ण वचनबद्धता है सभी डॉक्टरों को नैतिकता और जरूरतमंदों की मदद का जज्बा बनाए रखना चाहिए, डॉक्टर डे पर उन्हें अपनी सामाजिक जिम्मेदारियां को समझकर चिकित्सा को मानवीय सेवा का संकल्प लेते हैं। डॉक्टर होना सिर्फ एक काम नहीं बल्कि यह चुनौती पूर्ण वचनबद्धता है। डॉक्टर एस के पुराणिक के ने कहा कि वर्तमान में डॉक्टरी ही एक ऐसा पेशा है जिस पर लोग विश्वास करते है ,इसे बनाए रखने का दारोमदार सभी डॉक्टरों पर है डॉक्टर्स डे हम डॉक्टरों को अपनी चिकित्सकीय जिम्मेदारी को पुनर्जीवित करने का अवसर देता है । डॉक्टर पी के खरे ने कहा कि सभी डॉक्टर जन अपने चिकित्सीय जीवन की शुरुआत करते हैं तो उनके मन में नैतिक और जरूरतमंदों की मदद का जज्बा होता है इसकी वे कसम भी कहते हैं। इसके बाद कुछ कुछ लोग इस विचार से पथ भ्रमित होकर अनैतिकता के रास्ते पर चल पड़ती है जो डॉक्टर डे के दिन डॉक्टरों को यह मौका मिलता है कि वे अपने अंतर्मन में जाकर अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को समझें और चिकित्सा को पैसा कमाने का पेशा न बनाकर मानवीय सेवा का पेशा बनाएं ,तभी हमारा डॉक्टर डे मनाना सार्थक होगा। तथा who के अनुसार व्यक्ति तभी स्वस्थ माना जाता है जब शारीरिक मानसिक बौद्धिक और सामाजिक कार्य में संलग्न है
।डॉक्टर चंद्रशेखर गुप्ता ने कहा भारत सरकार द्वारा पहला राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस सन 1991 को डॉक्टर विधान चंद्र रांय की स्मृति में मनाया जाता है उनका चिकित्सा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए प्रतिवर्ष 1 जुलाई को चिकित्सा दिवस मनाया जाता है डॉक्टर सुखदेव गौतम ने कहा कि डॉक्टरों को यह सम्मान केवल चिकित्सा के साथ साथ समर्पण, सेवा और मानवीय संवेदनाओं का है। बुर्जुगो को अपने स्वास्थ्य पर ध्यान अवश्य दें।अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के जिला अध्यक्ष पंडित पुरुषोत्तम कांत शर्मा ने कि जिस प्रकार जब सारी दुनिया होपलेस बन जाती है , तब परमात्मा इस धरा पर आकर होप पैदा करते है, आशा की नई किरण जागते है ।इसी प्रकार डॉक्टर के सामने भी कितना भी बीमार मरीज आए, यदि डॉक्टर प्रेम से उसकी ओर देखकर कह दे कि तुम अवश्य ठीक हो जाओगे तो उनके द्वारा दिया गया आश्वासन मरीज के अंदर आशा किरण पैदा कर देता है उसके लिए दुआ का काम करता है इसलिए डॉक्टर को नेवस्ट द गॉड कहा जाता है। जो मरीज ठीक होता है उसकी दुआएं डॉक्टर के लिए निकलती है ।अतः चिकित्सकीय कार्य सबसे अधिक दुआएं लेने और देने का कार्य है ।इस मौके पर मुख्य रूप से कैलाश नारायण मुद्गल कुंज बिहारी चतुर्वेदी हरि बल्लभ शर्मा कुंज बिहारी पाराशर सुरेंद्र पाठक सुरेश भार्गव गजानंद शर्मा विशंभर दयाल दीक्षित राजेंद्र पांडे कैलाश नारायण भार्गव सतीश सडैया नलिन अवस्थी एन पी अवस्थी कैलाश नारायण दुबे अरविंद सुडैया राजू पिपरघार राजकुमार सडैया डॉक्टर सी पी उपाध्याय हरगोविंद शर्मा ओम प्रकाशसमाधिया सत्यनारायण दीक्षित उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन महावीर मुद्गल ने किया एवं अंत में आभार एकता स्कूल के डायरेक्टर एस एन उपाध्याय ने व्यक्त किया।
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